हरिद्वार। योग गुरु बाबा रामदेव के घनिष्ठ सहयोगी आचार्य बालकृष्ण ने कांग्रेस के उन दावों को खारिज कर दिया, जिसमें उन्हें नेपाली नगरिक बताया गया था। बालकृष्ण ने कांग्रेस की टिप्पणी को एक क्रूर मजाक बताया।
बालकृष्ण ने यहां संवाददाताओं से कहा, "मैं हरिद्वार में पैदा हुआ और मैंने यहीं पर शिक्षा ग्रहण की। मैंने अपने सभी अनुसंधान कार्य यहीं किए और मैं अंतिम सांस भी यहीं लूंगा। मेरे जैसे 1.5 करोड़ लोग इस देश में रहते हैं।"
बालकृष्ण ने कहा, "मेरे माता-पिता नेपाल से हैं, लेकिन उन्होंने मुझे भारत में जन्म दिया। संविधान के अनुसार मैं इस देश का वैध नागरिक हूं। लोग इस सच्चाई को क्यों नहीं मानते? यह एक क्रूर मजाक है।"
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि बालकृष्ण एक नेपाली अपराधी हैं, जिन्होंने भारत में शरण मांगी थी।
कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कहा था, "बाबा रामदेव के साथ दिखाई देने वाले आर्चाय बालकृष्ण एक नेपाली नागरिक हैं और अपराधी हैं, उन्होंने भारत में शरण मांगी थी। इस बात की जांच की जानी चाहिए कि उन्होंने भारतीय पासपोर्ट कैसे हासिल कर लिया।"
दिग्विजय सिंह के इस बयान पर बालकृष्ण ने कहा, "जो लोग बेरोजगार हैं और जिन्हें जनता ने कई बार खारिज कर दिया है, उनके आरोप मेरे लिए कोई मायने नहीं रखते।"
इस बीच बाबा रामदेव और उनके समर्थकों पर दिल्ली के रामलीला मैदान में शनिवार की रात हुई पुलिस कार्रवाई पर चर्चा करते हुए बालकृष्ण ने कहा, "उस रात लोकतंत्र पर हमला किया गया, लेकिन हम अंतिम सांस तक अपनी लड़ाई जारी रखेंगे। करोड़ों भारतीय आज खड़े हैं और वे देश के लिए अपनी जान तक देने को तैयार हैं।"
बाबा रामदेव के घटना स्थल से भागने के आरोपों पर प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए बालकृष्ण ने कहा, "वे कह रहे हैं कि बाबा मैदान से भाग गए। यह झूठ है, क्योंकि वे उनकी हत्या करना चाहते थे और जब वे उसमें सफल नहीं हुए, तो वे इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।"
बालकृष्ण ने कहा, "मैं अंदर छुपा हुआ था क्योंकि मैं क्रूरता के साथ पीटे गए लोगों की मदद करना चाहता था। पुलिस के हाथों पीड़ित हो रहे उन लोगों को यदि मैं अकेले छोड़ देता तो मैं खुद को माफ नहीं कर पाता।"
बालकृष्ण शनिवार देर रात पुलिस कार्रवाई के बाद से लापता थे और मंगलवार को हरिद्वार में बाबा रामदेव के आश्रम में प्रकट हुए।
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